भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसओआर) के नेता के अनुसार, गगनयान मिशन में कोई महिला अंतरिक्ष यात्री शामिल नहीं हैं क्योंकि अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक नए और विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को अंतरिक्ष में विश्वासयात्री भेजना है, जिसके लिए उपयुक्त अनुभवी अंतरिक्ष यात्री का चयन किया गया है।
गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रा क्षेत्र में अपने पैर जमाने का अवसर प्रदान करना है। इस मिशन के माध्यम से, भारत वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष अनुसंधानकर्ताओं को नए तकनीकी निकायों को प्राप्त करने का मौका देता है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष योजनाओं में अग्रणी भूमिका बन सके।
हालांकि, महिला अंतरिक्ष यात्री की शामिलता को लेकर कुछ सवाल भी उठे हैं। कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या महिलाओं को अंतरिक्ष यात्रा के लिए उचित प्रशिक्षण नहीं मिला है? या क्या भारतीय संघर्ष के समय महिलाओं को अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार करने के लिए कानूनी अधिकार नहीं मिलते हैं? इन सवालों के जवाब के लिए, आईएसओआर के नेता ने बताया कि महिला अंतरिक्ष यात्री की शामिलता के पीछे कोई नियमात्मक समस्या नहीं है। वे बताते हैं कि गगनयान मिशन के लिए उचित प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध संसाधनों का अभाव है, जो महिलाओं को अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार करने के लिए आवश्यक हैं।
आईएसओआर के नेता के अनुसार, गगनयान मिशन में शामिल होने वाले अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में अवस्था का सामना करने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इस प्रशिक्षण के दौरान, यात्री को आकाशीय जीवन के सभी पहलुओं का ज्ञान होना चाहिए, जिसमें अंतरिक्ष यात्रा के समय के साथ-साथ अंतरिक्ष यात्री के स्वास्थ्य की देखभाल भी शामिल है। महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए भी यही प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान में ऐसे प्रशिक्षण के उपलब्ध संसाधनों की कमी है।
वैश्विक तरीके से देखें, महिलाओं की अंतरिक्ष यात्रा में शामिलता को बढ़ावा देने के लिए कई उद्योग और अंतरराष्ट्रीय संगठन भी काम कर रहे हैं। वे इस मामले में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर महिला अंतरिक्ष यात्रा के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिससे समुदाय के अधिकांश हिस्से के लिए एक सकारात्मक संदेश बना है।
इस प्रकार, गगनयान मिशन के लिए महिला अंतरिक्ष यात्री की अभाव वैज्ञानिक प्रगति के पथ को रोकने का कारण नहीं है, बल्कि यह एक संघर्ष के परिणाम है जिसमें प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध संसाधनों की कमी है। आने वाले समय में, समाज में और संगठनों में महिलाओं के प्रति अधिक संवेदनशीलता बढ़ने से, यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में महिलाओं की अंतरिक्ष यात्रा में उनकी भागीदारी में वृद्धि होगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें