प्रदेश में न्यूनतम सर्वश्रेष्ठ स्तर पर अर्सेनिक की सामग्रियां पाई जा रही हैं, और इसके परिणामस्वरूप भोजन वस्त्रों में यह विषाणु मौजूद हो सकता है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कहा है। इसके साथ ही, NGT ने केंद्रीय सरकार की प्रतिक्रिया की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदेश में बास्केट राइस में अर्सेनिक की सामग्रियां पाई गई हैं। यह एक चिंताजनक विषय है और इसे समय रहते ठीक किया जाना चाहिए।
अर्सेनिक एक जहरीला पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से मिट्टी में मौजूद होता है और किसानों द्वारा उपजी फसलों में इसकी मात्रा बढ़ सकती है। इसका सीधा प्रभाव हमारे भोजन पदार्थों के माध्यम से हमारे स्वास्थ्य पर होता है। अधिक अर्सेनिक का सेवन कैंसर, किडनी विकार, जीर्ण अपच, त्वचा समस्याएं, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।
NGT के इस रिपोर्ट ने बास्केट राइस में अर्सेनिक की मात्रा के बारे में जानकारी दी है, जो कि एक चिंताजनक तथ्य है। यह न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक संकेत है कि हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा।
इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद, NGT ने केंद्रीय सरकार से इस पर प्रतिक्रिया की मांग की है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार तत्काल कार्रवाई करे और इस समस्या को हल करने के लिए आवश्यक उपायों को लेकर कदम उठाए। यहां कुछ कदम हैं जो सरकार को लेने चाहिए:
1. अर्सेनिक की मात्रा को जांचने और मानकों को स्थापित करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययनों को बढ़ावा देना चाहिए।
2. किसानों को अर्सेनिक के संदर्भ में शिक्षित करना चाहिए ताकि वे उचित उपायों का अनुसरण कर सकें।
3. उचित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पानी की और संबंधित संसाधनों की साफ-सफाई को बढ़ावा देना चाहिए।
4. समुचित खेती प्रथाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए जो कि अर्सेनिक की मात्रा को कम कर सकती हैं।
इन सभी कदमों को लेने से न केवही बास्केट राइस जैसी फसलों में अर्सेनिक की मात्रा को कम किया जा सकता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखेगा। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और समय पर कार्रवाई करनी चाहिए।
इस समय, यह अत्यंत आवश्यक है कि हम स्वयं भी सतर्क रहें। अपने घरेलू भोजन में अर्सेनिक की मात्रा को कम करने के लिए हमें उचित संरचना और संभावित उपायों का पालन करना चाहिए। ध्यान देने योग्य बातें शामिल हैं:
1. प्राकृतिक भोजन: अधिक से अधिक प्राकृतिक और अंग्रेजी अनाजों का सेवन करें। अर्थात, ज्यादा से ज्यादा अनाज जैसे चावल, गेहूँ, और दलियों का उपयोग करें।
2. स्वच्छ जल: शुद्ध और स्वच्छ पानी का सेवन करें। जल से संबंधित संसाधनों को साफ करने के लिए सभी आवश्यक कदमों को उठाएं।
3. बास्केट राइस का चयन: यदि संभव हो तो बास्केट राइस का उपयोग कम करें और अन्य प्रकार के चावल जैसे की ब्राउन चावल, जो कम अर्सेनिक होते हैं, का चयन करें।
4. खेती में जागरूकता: किसानों को अर्सेनिक के नुकसान के बारे में शिक्षित करना चाहिए और सही खेती तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए।
अतः, इस समय हमें अर्सेनिक की मात्रा को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए और सरकार को भी इस मुद्दे पर सख्ती से काम करने की आवश्यकता है। न केवल किसानों की सुरक्षा के लिए, बल्कि समाज के स्वास्थ्य के लिए भी। इस प्रकार, सभी सहयोग करके हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं और स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।