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मंगलवार, 21 मई 2024

स्कारलेट जोहानसन ने चैटजीपीटी की आवाज को अपनी आवाज से 'अत्यधिक समान' बताया, संभावित खतरों पर दी चेतावनी

मई 21, 2024 0


 स्कारलेट जोहानसन ने हाल ही में यह कहा है कि चैटजीपीटी की आवाज 'अत्यधिक समान' है उनकी अपनी आवाज से। यह टिप्पणी उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान दी, जब उनसे पूछा गया कि वे नई तकनीकों और AI के विकास के बारे में क्या सोचती हैं। जोहानसन, जो कि हॉलीवुड की मशहूर अदाकारा हैं और अपनी सुमधुर आवाज के लिए जानी जाती हैं, ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार चैटजीपीटी की आवाज सुनी, तो उन्हें लगा कि यह उनकी ही आवाज है।


 तकनीक और आवाज का संगम


आज की तकनीकी दुनिया में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से विकसित हो रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में AI का उपयोग हो रहा है, जिनमें से एक है वॉइस इमिटेशन या आवाज की नक़ल करना। AI आधारित वॉइस इमिटेशन तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि वह किसी व्यक्ति की आवाज को बहुत ही सटीकता से दोहरा सकती है। स्कारलेट जोहानसन ने इस बारे में कहा कि यह तकनीक जितनी अद्भुत है, उतनी ही भयावह भी हो सकती है। उन्होंने कहा, "जब मैंने पहली बार चैटजीपीटी की आवाज सुनी, तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं ही बोल रही हूँ। यह एक बहुत ही अजीब अनुभव था।"


वाज की नकल के संभावित खतरे


स्कारलेट जोहानसन ने आवाज की नकल करने वाली इस तकनीक के संभावित खतरों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे निजता का उल्लंघन हो सकता है। किसी की आवाज की नकल कर के गलत सूचना फैलाना या धोखाधड़ी करना संभव हो सकता है। उन्होंने कहा, "आज की दुनिया में, जहाँ हर किसी का डेटा इंटरनेट पर उपलब्ध है, यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी निजता की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। AI की यह तकनीक हमारी निजता को खतरे में डाल सकती है।"


 कानूनी और नैतिक पहलू


स्कारलेट ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तकनीक के कानूनी और नैतिक पहलुओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके उपयोग के लिए सख्त नियम और कानून बनाए जाने चाहिए। "यदि किसी की आवाज का उपयोग उनकी अनुमति के बिना किया जाता है, तो यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है," उन्होंने कहा। "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तकनीक का उपयोग सही और नैतिक तरीके से हो।"


 तकनीक के फायदें


हालांकि, स्कारलेट जोहानसन ने यह भी माना कि इस तकनीक के कई फायदे भी हैं। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग फिल्म इंडस्ट्री में किया जा सकता है, जहां इसे डबिंग के लिए या उन अभिनेताओं की आवाज को जीवित रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो अब हमारे बीच नहीं हैं। इसके अलावा, इसका उपयोग शिक्षा, हेल्थकेयर और अन्य क्षेत्रों में भी किया जा सकता है। "यह एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, यदि इसका उपयोग सही तरीके से किया जाए," उन्होंने कहा।


व्यक्तिगत अनुभव


स्कारलेट ने अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए, जब उन्होंने पहली बार चैटजीपीटी की आवाज सुनी। उन्होंने बताया कि वह अपने दोस्तों और परिवार के साथ बैठी थीं, जब उन्होंने इस AI वॉइस को सुना। "मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि इंटरनेट पर मेरी आवाज की नकल की जा रही है। जब मैंने इसे सुना, तो मैं चौंक गई। यह बिल्कुल मेरी ही आवाज थी।"


 आवाज और पहचान


स्कारलेट जोहानसन ने इस बात पर भी जोर दिया कि आवाज हमारी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा, "हमारी आवाज हमारी पहचान का एक अभिन्न हिस्सा है। यदि कोई हमारी आवाज की नकल करता है, तो यह हमारी पहचान के साथ खिलवाड़ है।" उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को इस तकनीक के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें यह समझना चाहिए कि उनकी आवाज का इस्तेमाल कैसे और कहां हो रहा है।


 भविष्य की चुनौतियाँ


जोहानसन ने भविष्य की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह तकनीक और उन्नत होती जाएगी, हमें इसके साथ जुड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तकनीक का उपयोग सही और जिम्मेदारी से हो। हमें इसके उपयोग के लिए सख्त दिशा-निर्देश और नियम बनाने होंगे।"


 एआई और समाज


स्कारलेट ने एआई और समाज के बीच के संबंधों पर भी विचार किया। उन्होंने कहा कि AI हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है और हमें इसके साथ तालमेल बिठाना होगा। "AI हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। हमें इसके साथ जीना सीखना होगा, लेकिन इसके साथ ही हमें इसके उपयोग के प्रति सतर्क भी रहना होगा।"


 समापन


स्कारलेट जोहानसन की यह टिप्पणियाँ हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि तकनीक और मानव जीवन के बीच का यह संगम कितना जटिल और महत्वपूर्ण है। AI की आवाज नकल करने वाली यह तकनीक एक तरफ जहाँ हमें नई संभावनाओं के द्वार खोलती है, वहीं दूसरी तरफ यह हमारी निजता और पहचान के लिए एक बड़ा खतरा भी पैदा कर सकती है। यह जरूरी है कि हम इस तकनीक का उपयोग सही और नैतिक तरीके से करें और इसके संभावित खतरों के प्रति सतर्क रहें।


स्कारलेट जोहानसन का यह अनुभव एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि हमें तकनीक के साथ तालमेल बिठाते हुए उसके संभावित खतरों के प्रति भी सतर्क रहना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपनी पहचान और निजता की सुरक्षा के प्रति सचेत रहें और इस तकनीक का उपयोग सही तरीके से हो।

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